IPO का मतलब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (initial public offering)होता है। जब कोई कम्पनी पब्लिक फंडिंग के लिए जाती है ,
IPO के जरिया ही कम्पनिया पब्लिक के इन्वेस्टमेंट से अपने लिए फंडिग कराती है। इसमें कम्पनी पब्लिक से फंड्स लेकर अपने कुछ शेयर्स बदले में ऑफर करती है। कम्पनी पहली बार स्टॉक मर्केट एक्सचैंजेस पर लिस्ट होती है। जिससे वह कम्पनी एक्सचैंजेस पर अपने शेयर्स पब्लिक ट्रेडिंग के लिए aviable कराती है। आईपीओ से पहले, एक कंपनी के पास बहुत कम शेयर होल्डर्स होते हैं। इसमें संस्थापक, एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट शामिल हैं। लेकिन एक आईपीओ में , कंपनी अपने शेयर पब्लिक के लिए बिक्री के लिए खोलती है। एक इन्वेस्टर के रूप में, आप सीधे कंपनी से शेयर खरीद सकते हैं और शेयर होल्डर या हिस्सेदार बन सकते हैं।

IPO में शेयर कैसे Allocate किए जाते हैं?

जब IPO की बात आती है तो कई प्रकार के इन्वेस्टर्स आते है। 
* Qualified Insititutional Buyers (QIBs) -योग्य संस्थागत खरीदार 
* Non Institutional Investors (NIIs) -गैर संस्थागत निवेशक 
*Retail Individual Investors (RIIs) -खुदरा व्यक्तिगत निवेशक 
आईपीओ में इन सभी तरह के इन्वेस्टर्स  के लिए शेयर्स अलग-अलग allocate किये जाते है। आप और हम रिटेल इन्वेस्टर्स में आते है।  


एक आम इन्वेस्टर रिटेल इन्वेस्टर  के रूप में 10,000-15,000 रुपये के छोटे लॉट में इन्वेस्ट कर पाता है। आप एक आईपीओ में अधिकतम 2 लाख रुपये के लिए आवेदन कर सकते हैं। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए शेयर्स की कुल मांग को प्राप्त आवेदनों की संख्या के हिसाब से allocate किया  जाता है। यदि रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए जारी  शेयरों की संख्या आईपीओ में इन्वेस्टर्स के सब्सक्रिप्शन से कम या उसके बराबर है, तो आपको आपकी मांग के हिसाब से पूरे शेयर्स ऑफर किये जाते है।  

जब मांग रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए जारी  शेयरों से अधिक होती है, तो इसे ओवरसब्सक्रिप्शन के रूप में जाना जाता है। कई बार किसी आईपीओ को पांच गुना ओवर सब्स्क्राइब किया जा सकता है। इसका मतलब है कि शेयरों की मांग आपूर्ति से पांच गुना अधिक है!


ऐसे में रिटेल कैटेगरी के शेयर लॉटरी के आधार पर इन्वेस्टर्स  को ऑफर किए जाते हैं। यह एक कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया है जो इन्वेस्टर्स  को शेयरों का निष्पक्ष आवंटन सुनिश्चित करती है।
किसी कम्पनी को आईपीओ जारी करने के लिए क्या करना होता है या फिर IPO जारी करने का प्रॉसेस क्या होता ?
  • (Selecting an investment bank) एक इन्वेस्टमेंट बैंक को चुनना।
  • ( Create the Red Herring prospectus ) रेड हेरिंग डॉक्यूमेंट बनान ।
  • ( Get approval from SEBI ) सेबी की मंजूरी।
  • (Get approval from stock exchange ) स्टॉक एक्सचेंज की मंजूरी।
  • ( Number of shares available to investors for Subscription ) पब्लिक इन्वेस्टर्स के लिए जारी शेयर्स की की संख्या ?
  • (Listing ) लिस्टिंग
    किसी कंपनी को पब्लिक कम्पनी होने के लिए इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है।

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