The phychology of money

मैने एक साल पहले पढ़ा था। लेकिन इसकी lesson मुझे हर समय काम आती है। इस किताब को पढ़ने के बाद पता चला कि फाइनस सेविंग और इन्वेस्टिंग से ज्यादा साइकोलॉजिकल है। लोग सिर्फ पैसा कमाना जानते है इसीलिए लोग खुश नही रह पाते है। जब लोग पैसे के साइकोलॉजी को समझने लगेंगे तो उन्हे पैसों के बारे में चिंता करने की जरुरत ही नहीं बचेगी।

मेरा हमेशा से मानना है की हमे किताब को नही बल्कि ऑथर को फॉलो करना चाहिए। आपको भी किताब से ज्यादा लिखने वाले को फॉलो करना चाहिए। Morgan Housel इस बुक के राइटर है, उनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम पड़ जाएगी क्योंकि उन्होंने इतने कम पैसों में इतना सारा ज्ञान दिया है।

हर किसी को लगता है कि वो पैसे के बारे में सबकुछ जनता है। इसी चक्कर में वो दूसरे लोगो को राय भी देने लगते है। वे लोग अपना पैसा स्टॉक मार्केट या म्युचुअल फंड या provident fund में लगा देते है। इस बात से लेखक का मानना हैं कि पैसों के प्रति हर कोई की सोच अलग होती है और कोई भी सत प्रतिशत सही नहीं होता है।

मोर्गन हाउसल का मानना है कि लोगो को अपनी लिमिट समझनी चाहिए। क्योंकि ऐसे बहुत सारे लोग है जिन्होंने ज़ीरो से शुरु किया था और आज वो एक सफल आदमी है।

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